एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्री | ASTROLOGICAL FRAUD

एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्रीएस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्री


एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस फ्रॉड इंडस्ट्री

अगर आप आपके दोस्त या आपके परिवार में से कोई एस्ट्रोलॉजी में विश्वास करता है तो जरा गौर से पढ़ये क्योंकि हो सकता है आपका दिमाग हिल जाए यह पढ़ने के बाद। हम करेंगे इस फ्रॉड इंडस्ट्री का सबसे बड़ा खुलासा। एक ऐसी फ्रॉड इंडस्ट्रीज जिसने करोड़ लोगों को बेवकूफ बनाया है। इसे फ्रॉड क्यों कहने लग रहा हूं आपको आगे समझ आ जायेगा। करोड़ लोग क्यों बेवकूफ बनते हैं ये भी आपको समझ आ जायेगा और साथ ही साथ अगर आप उन लोगों में से हैं की आप कहेंगे की यार मेरे लिए तो एस्ट्रोलॉजी काम करती है। मैं इस पर विश्वास करता हूं पर्सनली, तो चिंता मत कीजिए आपके लिए कुछ एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस भी दूंगा। 

सही पढ़ा आपने मैं नहीं जानता आपका डेट ऑफ बर्थ क्या है ? कब पैदा हुए हैं ? आपका नाम क्या है?,लेकिन क्योंकि आप यह पढ़ने लग रहे हैं आपको कुछ ऐसी प्रिडिक्शंस दूंगा आपकी पर्सनैलिटी को लेकर आप भी देखते रह जाएंगे। हस्तरेखा दिखा रहे हैं राशिफल दिखा रहे हैं ये ढोंग पाखंड में पढ़े लिखे बच्चे फस रहे हैं। आपको बताऊंगा की कैसे आपके घर में धन की बरकत होगी। हम मॉडर्न लोग हैं पढ़े-लिखे लोग हैं क्या हम
को एक्सपोजिंग में विश्वास करना चाहिए ? कहीं कुछ टाइम नहीं है ऊपर वाले ने तुमको कठपुतली बनाकर नहीं भेजा है की सब पहले से ही तय है। कुछ हफ्ते पहले की बात है जब इंडियन क्रिकेट टीम अनफॉर्चूनेटली T20
वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। जब उन्होंने सेमीफाइनल मैच हारा इंग्लैंड की टीम के अगेंस्ट अनफॉर्चूनेटली क्या इसका मतलब ये हुआ की उनका फॉर्च्यून खराब था। अगर कुछ एस्ट्रोलॉजर्स की माने तो इसका बिल्कुल उल्टा ही था। उनके हिसाब से इंडियन क्रिकेट टीम का फॉर्च्यून बड़ा अच्छा था। सेमीफाइनल मैच से पहले एबीपी पर एक न्यूज़ प्रोग्राम आया था जिसका नाम था 11 ज्योतिषी बताएंगे हम वर्ल्ड कप लाएंगे। इस न्यूज़ प्रोग्राम में बैठे 11 ज्योतिषियों ने कुछ बड़ी ही चमत्कारी एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस, दावा के साथ कह सकते हैं की हमारा भारत का विजय प्राप्त वाला मामला आपका भी है। चलिए भारत की कुंडली के हिसाब से भी हम देखे तो  विजय भारत की निश्चित है। एस्ट्रोलॉजर्स की ये भी प्रिडिक्शन थी की बड़ी कांटे की टक्कर होगी इस मैच में। कांटे के टक्कर है लेकिन विजय के योग बन रहे हैं। जो क्रिकेट नहीं देखते उनके लिए बता पाना यह पूरी तरह वन साइड मैच था । कोई कांटे की टक्कर नहीं हुई इंडिया ने 168 रन बनाए और इंग्लैंड ने एक विकेट तक नहीं खोया और इस लक्ष्य को चेंज कर डाला  सिर्फ 16 ओवर के अंदर। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इंडियन टीम की फिरकी लेते हुए ट्विटर पर पूछा भी था की हिस्ट्री की क्या ये सबसे आसान रन चेज है, लेकिन इन एस्ट्रोलॉजर्स के अकॉर्डिंग यहां पर एक कांटे की टक्कर होने वाली थी। जिसके बाद इंडिया की जीत गारंटीड थी। क्रिकेट मैचेस में चलो हार जीत चलती रहती है लेकिन एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस को लेकर इतना गलत होना ये पहली बार नहीं है। ऐसा हर साल लाखों ऐसी प्रिडिक्शंस करी जाती है। एस्ट्रोलॉजर्स के द्वारा जो गलत हो जाती हैं, लेकिन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता। आम लोगों के कंपैरिजन में इन एस्ट्रोलॉजर्स की लाइफ बड़ी अच्छी होती है। ये लोग 100 झूठ के बीच एक चीज ऐसी बोल देते हैं जो सच निकल जाती है और लोग इन पर विश्वास करने लग जाते हैं, लेकिन एक आम आदमी 100 चीजे सच्ची बोले और एक चीज झूठ निकल जाए तो उसकी सारी क्रेडिबिलिटी खत्म हो जाती है। 

सोचने वाली बात, ऐसा क्यों होता है डिस्कस करेंगे, लेकिन इससे पहले कुछ और बड़ी फर्जी भविष्यवाणी देखते हैं इंडिया की सबसे फेमस एस्ट्रोलॉजर बेजान दारूवाला की कोविड 19 को लेकर प्रिडिक्शन साल 2020 में इन्होंने कहा था की 15 मई 2020 के बाद करोना पुरी तरीके से चला जाएगा या फिर बहुत ज्यादा स्लो डाउन हो जाएगा।  ऐसे ही कई एस्ट्रोलॉजर्स ने कोरोना को लेकर सिमिलर  सी भविष्यवाणी दी थी पीक का समय नहीं है पीक का समय निकल चुका है  30 मार्च को गुरु केतु की गति छोड़ के मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। हम सब धीरे-धीरे करोड़ों वाइरस की प्रभाव से मुक्त होते जाएं। कहीं ना कहीं 19 सितंबर तक की इतिहास में ऐसी प्रिडिक्शन हमेशा से चली आई है। साल 1499 में एक फेमस जर्मन मैथमेटिशियन और एस्ट्रोलॉजर ने प्रिडिक्ट किया था की 20 फरवरी 2024 को दुनिया खत्म हो जाएगी। जब एक बड़ा सा फ्लड आएगा और सब कुछ निगल लेगा ऐसा कुछ नहीं हुआ। क्रिश्चियन न्यूमैरोलॉजिस्ट डेविड मेड इन ए प्रिडिक्ट किया था की 23 सितंबर 2017 को दुनिया खत्म हो जाएगी। जब एक हिडन प्लैनेट आकर धरती से टकरा जाएगा। ऐसा कुछ नहीं हुआ ठीक है, अमेरिकन प्रीचर हेराल्ड कैंपिंग ने कहा था की दुनिया 21 मई 2011 को खत्म हो जाएगी। उन्होंने अपने इस मैसेज को ₹5000 बिल वोट्स पर जाकर चिपकाए लेकिन जब ये चीज नहीं हुई तो उन्होंने डेट को आगे पोस्टपोन कर दिया अक्टूबर पर। जब अक्टूबर 2011 में भी दुनिया खत्म नहीं हुई तो उन्होंने सोचा अब मैं अपना मुंह बंद कर लेता और चुपचाप बैठे रहता हूं। लेकिन कमाल की बात ये है की कुछ लोग इन चीजों को सुनकर इनमें बड़ा विश्वास करने लग जाते हैं ।

2009-10 के अराउंड एक बड़ी खबर फैली थी की जो पुराना माया कैलेंडर है जो 5125 सालों से chala aa रहा है, वो 21 दिसंबर 2012 को खत्म हो जाएगा, तो लोगों ने कहा इस दिन दुनिया खत्म हो जाएगी। राइटर्स ने एक ओपिनियन पोल किया था करीब 16000 लोगों का 20 अलग-अलग देशों में और पता चला ओपिनियन पोल में की 7 में से हर एक इंसान इस पर यकीन कर बैठा था की 2012 में दुनिया खत्म हो जाएगी। 

ऐसे कैसे हो सकता है क्यों लोग इन चीजों में विश्वास कर बैठते हैं जबकि रियलिटी में देखा जाए इन एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शंस का 0.1% भी साइंटिफिक बेसिस नहीं है। फॉर एग्जांपल दो वेंकटरमन रामकृष्णन जिन्होंने नोबेल
प्राइस जीता था केमिस्ट्री के लिए उन्होंने क्लीयरली कहा था की स्टार्स और प्लैनेट जिस तरीके से भी मूव करें आसमान में तारे जैसे हिलते रहे उससे इंसानों की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता है। इस चीज का कोई साइंटिफिक बेसिस नहीं है और दुनिया भर के साइंटिस्ट यही मानते हैं, लेकिन आपको कन्वींस होने के लिए किसी नोबेल प्राइस विनर या साइंटिस्ट की सुनने की जरूरत नहीं है। अगर आपने 10th क्लास तक ढंग से साइंस पढ़ी है तो आप खुद ही ये चीज सोच सकते हैं। क्या आप जानते हैं कौन सा फोर्स बाकी प्लैनेट्स और धरती पर लगाते हैं ग्रेविटेशनल फोर्स है ना, ऐसे ही चंद भी एक ग्रेविटेशनल फोर्स एक्स करता है धरती पर जिसकी वजह से हमें हाई टाइड्स और लो टाइट्स देखने को मिलते हैं। नोट करने वाली चीज ये है की ग्रेविटेशनल फोर्स सिंपली एक अट्रैक्टिव फोर्स है जो दो ऑब्जेक्ट्स के मास पर डिपेंड करता है और उनके बीच डिस्टेंस पर डिपेंड करता है, तो ये कैसे हो सकता है की ग्रेविटेशनल फोर्स बताया की आपको अपनी जॉब मिलेगी या नहीं मिलेगी। आपको अपने फेवरेट कॉलेज में एडमिशन मिलेगा या नहीं मिलेगा। दूसरी चीज जरा खुद से लॉजिकल सोच कर देखिए अगर एक रमेश है एक सुरेश है। रमेश जनवरी में पैदा हुआ है सुरेश जुलाई में पैदा हुआ है। ऐसा हो सकता है, क्या सूरज की तरह से जो ग्रेविटेशनल फोर्स आने लग रहे हैं वो रमेश पर ज्यादा लगे सुरेश पर कम लगे की सूरज वहां से दूर से बैठा बोलकर कहेगा भाई जो जो जनवरी वाले लोग हैं वही सब लाइन में खड़े हो जाओ यहां पर रमेश तू भी जा जनवरी वाला है। आज तेरे ऊपर ज्यादा ग्रेविटेशनल फोर्स लगाऊंगा मैं, कुछ सेंस बना इस बात का या फिर वो दूर बैठा मंगल ग्रह हमारा वो कहेगा भाई जो जो मार्च में पैदा हुए हो सब  जाओ मैं आप सबके लिए ग्रेविटेशनल फोर्स लेकर आ रहा हूं जिससे सबको गुड लक मिले। ये लॉजिक सुनकर तो मेरे दिमाग में एक ही चीज आती है  पुरी दाल ही काली है। अगर साइंस की बातों से आप में अभी भी यकीन नहीं आया तो थोड़ा और लॉजिक की बातों से आपको यकीन दिलाता हूं। एग्जांपल से समझते हैं ये जो एक्वेरियस सन साइन है ये उन लोगों के लिए होता है जिनका बर्थ डेट 20th जनवरी से लेकर 18th फरवरी के बीच में आता है। इसके बाद वाला जो साइन होता है वो होता है पर्सिस 19th फरवरी से शुरू होता है। अब यहां पर सोच कर देखिए तीन लोगों के बारे में बंटी, बबली और बबलू। बंटी का बर्थडे आता है 20th जनवरी को बबली का बर्थडे आता है 18th फरवरी को और बबलू का बर्थडे आता है 19 फरवरी को अब बंटी और बबली का बर्थडे जो है वो एक दूसरे से काफी दूर है लेकिन इन दोनों का होरोस्कोप एक ही है दोनों एक्वेरियस कैटिगरी में फल करते हैं, लेकिन यहां पर बबली और बबलू का बर्थडे एक दिन के अंतर इन दोनों के बीच में लेकिन दोनों के होरोस्कोप बिल्कुल कंपलीटली अलग। कुछ सेंस बना इस बात का जिन दो लोगों के बर्थडे इतने पास है एक दूसरे से उन दोनों का भविष्य बिल्कुल अलग जिन लोगों के बर्थडे एक महीने दूर है उन दोनों को  गुड लक बेड लक मिलने लग रही है।

दूसरा पॉइंट कहा जाता है की एस्ट्रोलॉजी हमारे डेट और टाइम ऑफ से रिलेटेड है इसका मतलब तो यह हुआ जो ट्विंस एक साथ पैदा होते हैं या फिर लिटरली मिनिट्स का अंतर होता है उन दोनों के पैदा होने के बीच में उन दोनों की जिंदगियां तो एक दूसरे से काफी सिमिलर होनी चाहिए लेकिन ऐसा होते-होते हमें बिल्कुल नहीं दिखता। साल 1958 में एक स्टडी करी गई थी। इसको लेकर लंदन में करीब 2000 से ज्यादा बच्चे जो एक समय पर पैदा हुए थे उन सबको इस स्टडी के लिए रजिस्टर किया गया अगले कई सालों के लिए उनको मॉनिटर किया गया उनकी डेवलपमेंट को देखा गया। रिसचर्स ने 100 अलग-अलग करैक्टेरिस्टिक्स को देखा की जब ये बच्चे बड़े हुए बाद में जाके इन्होंने नौकरी करी तो कौन सी नौकरी करी, यह मैरिड हुए या अनमैरिड है, इनकी पर्सनैलिटी कैसी थी इनका इगो लेवल कैसा था स्पोर्ट्स में कितने अच्छे थे, मैथमेटिक्स में कितने अच्छे थे, इनका मस्ती लेवल कैसा था,और साल 2003 में जब रिसचर्स ने स्टडी के रिजल्ट्स को पब्लिश किया जर्नल ऑफ कॉन्शसनेस स्टडीज में तो ये पाया गया की इन सब में कोई भी सिमिलरिटी नहीं थी तो जब एक समय पर पैदा हुए बच्चों में कोई सिमिलरिटी नहीं है। जो लोग एक महीने दूर एक दूसरे से पैदा हुए हैं उनका होरोस्कोप से कैसे हो सकता है। इसे आप कंपेयर कीजिए किसी ट्रेजेडी से किसी ब्रिज का टूट जाना कोई भूकंप आ जाना या कहीं बाढ़ आ जाना। यहां पर कई 100 लोग एक साथ मारे जाते हैं लेकिन क्या वो सारे 100 लोग एक समय पर पैदा हुए थे क्या ? उनका होरोस्कोप से था क्या ? उनका एस्ट्रोलॉजिकल साइंस से था बिल्कुल भी नहीं था। तीसरा पॉइंट अगर हमारी डेस्टिनी हमारा भविष्य पहले लिखा जा चुका है तो कोई फर्जी बाबा उसे कैसे बदल सकता है जो ये फर्जी बाबा लोग सॉल्यूशंस प्रेजेंट करते हैं लोगों के सामने, निर्मल बाबा कहता है की अगर आप समोसे के साथ हरि चटनी खाओगे तो आपकी लक अच्छी हो जाएगी गुड लक आएगी। मतलब ऊपर आसमान में बैठा चांद आपको देख कर कहेगा ये वाला आदमी यह समोसे के साथ हरि चटनी खाने लग रहा है आज से मैं इसे डिफाइन करना बंद कर देता हूं। मेरी तो फेवरेट या फिर कुछ लोग कहते हैं की अपने नाम में एक्स्ट्रा आर ऐड कर लो आपको ज्यादा लाख मिलेगी आयुष्मान को आयुष्मान खुराना कर लो आपकी लक बदल जाएगी।  चौथा बहुत से लोग शादी करने से पहले अपनी कुंडली मैच करवाते हैं उनकी शादी मुहूर्त को देखकर करी जाती है जो की नॉर्मली एक एस्ट्रोलॉजर के द्वारा सजेस्ट करी जाती है। कहते हैं अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो आपकी शादी के लिए अच्छा नहीं होगा, तो जिन लोगों ने ऐसा किया है क्या उनका कभी डिवोर्स नहीं होता और जिन देशों में ये सब चीज नहीं करी जाती क्या वहां पर सिर्फ डिवोर्स ही होते रहते हैं। वहां पर कोई अच्छी शादी नहीं होती।  पांचवा और सबसे महत्वपूर्ण अगर एस्ट्रोलॉजर्स की प्रिडिक्शन जितनी ही अच्छी होती है तो यह जाकर अपने पैसे को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट क्यों नहीं कर लेते इन्हें तो सब पता है। ये सब प्रिडिक्ट कर सकते हैं तो पैसा इन्वेस्ट करें और यहां पर कमा ले करोड़।  

मतलब खुद ही सोच कर देखिए आप ये यहां पर क्रिकेट मैचेस के रिजल्ट बताते हैं। ये बताते हैं की कौन सी फिल्म हिट होगी कौन सी फिल्म फ्लॉप होगी। ये बताते हैं की बिजनेसमैन को बिजनेस कब करना चाहिए कैसे करना चाहिए अरे भाई इतना ही सब कुछ पता है तो जाकर थोड़े स्टॉक मार्केट की प्रिडिक्शन करो और जीत जाओ वहां पर लॉटरी। लेकिन आपने किसी भी एस्ट्रोलॉजर को कभी नहीं देखा होगा की वो अपने पैसों को इन्वेस्ट करके यहां पर अरबपति बन गया। इंस्टेंट हमें क्या देखने को मिलता है की कई गरीब एस्ट्रोलॉजर्स आकर आपके सामने पैसे मांगते हैं और वैसे अगर आपको इंटरेस्ट आता है स्टार्स और प्लैनेट्स के बारे में जानने में तो एस्ट्रोनॉमी की बात करो ना की एस्ट्रोलॉजी की। आप किताबें पढ़ो जैसे की अब ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम स्टीफन हॉकिंग के द्वारा लिखी गई है या फिर एक और में रिकमेंड करना चाहूंगा यहां पर एस्ट्रोफिजिक्स फॉर पीपल इन हरि। 

इतनी सारी लोग यहां इतने सारे पॉइंट्स बता दिए की ये लॉजिकल गलत है साइंटिफिकली गलत है। कोई सेंस नहीं बनता है इनकी बातों का, लेकिन  फिर भी करोड़ लोग एस्ट्रोलॉजी में विश्वास करते हैं। ऐसा क्यों है इसके पीछे तीन में कारण बताए जा सकते हैं। पहला है लोगों का कमजोर दिमाग अब बात कुछ ऐसी है  हमारा फ्यूचर अनसर्टेन होता है हम सब का फ्यूचर अनसर्टेन है। कोई गारंटी करके 100% नहीं बता सकता की फ्यूचर में यह होकर ही रहेगा और अनसर्टेंटी एक ऐसी चीज है जिससे बड़े लोग परेशान होते हैं। लोगों को अपनी जिंदगी में सर्टेनिटी चाहिए। लोग बस चाहते हैं की उनका फ्यूचर गारंटीड हो, सेफ हो। लोग एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं और लोगों को इस अनसर्टेंटी से डर लगता
है। इस डर का सॉल्यूशन लोगों के सामने है एस्ट्रोलॉजी। एस्ट्रोलॉजिकल प्रिडिक्शन लोगों को सर्टेनीटी देती है। जिंदगी में एक एस्ट्रोलॉजर की अच्छी प्रिडिक्शन सुनकर
लोगों के अंदर खुशी आती है और उन्हें सिक्योरिटी महसूस होती है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था ऐसे सारे विश्वास एक कमजोर दिमाग की निशानी है और आम तौर पर ऐसे लोगों को डॉक्टर के पास जाना चाहिए लेकिन
लोग एस्ट्रोलॉजर के पास जाते हैं। अब क्योंकि ऐसे लोगों का माइंड ऑलरेडी एस्ट्रोलॉजी में विश्वास करता है।
एस्ट्रोलॉजी में विश्वास करना चाह रहा है। ऐसे लोग सवाल नहीं करेंगे डाउट नहीं करेंगे एस्ट्रोलॉजर की बातों में। जो भी एस्ट्रोलॉजर कहने लग रहा है वहां पर उसी पर अंधाधुन यकीन कर लेंगे, क्योंकि वो यही चीज सुनने आते हैं। यह सेर्टेनिटी वह अपनी जिंदगी में चाहते हैं, लेकिन अगर आप ऐसे लोगों में से नहीं हो आप चीजों पर डाउट
करते हो फिर भी आपको एस्ट्रोलॉजर की बातों पर यकीन हो जाता है। तो दूसरा कारण और भी इंटरेस्टिंग है कोल्ड रीडिंग इस तकनीक का इस्तेमाल करते वक्त एस्ट्रोलॉजर्स कुछ ऐसी चीज कहेंगे जब 30 साल के हो जाओगे तुम्हारा भाग्य चमकेगा तुम्हारी किस्मत करवट लेगी। अब ध्यान दीजिए यह एक बड़ी जनरल सी स्टेटमेंट है इसका मतलब कुछ भी हो सकता है। भाग्य चमकेगा हो सकता है।आपको एक नई जॉब मिली जिसकी अच्छी सैलरी हो
हो सकता है। आपकी शादी होने वाली हो सकता है। आपका बच्चा होने वाला हो सकता है। आपके साथ कोई एक्सीडेंट हुआ हो जिससे आप बड़ी करीबी से बचकर निकल गए लेकिन आप उसे एक्सीडेंट की बेड लक नहीं देखेंगे आप ये देखेंगे की आप बचकर निकल गए। बहुत ही अच्छी चीज हुई आपकी किस्मत ने करवट ले ली आपका भाग्य चमक गया या फिर एस्ट्रोलॉजर आपसे कह सकता है, बचपन में तुम्हारे साथ एक हादसा हुआ था
जिसने तुम्हारे जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ दिया। एक बार फिर से इसका मतलब कुछ भी हो सकता है हादसे का मतलब यह भी हो सकता है की आपका पालतू कुता जो है उसकी मृत्यु हो गई हो, या फिर आपकी फैमिली में कोई गुजर गया हो या फिर बचपन में आपको ज्यादा मारा
पीटा गया हुआ। कुछ भी हो सकता है किसी की भी जिंदगी में कुछ ना कुछ तो खराब चीज हुई होगी बचपन में और एस्ट्रोलॉजर के मुंह से जब आप ये बातें सुनोगे तो आपको लगेगा की हा भाई बात तो सही कह रहे हैं। आप अब कोल्ड रीडिंग के अलावा एक और साइकोलॉजिकल फेनोमेना होता है। यहां पर इसे बर्नुम इफेक्ट कहते हैं, या फिर फॉरेन इफेक्ट। सन् 1948 में एक बड़ा फेमस साइकोलॉजिकल एक्सपेरिमेंट किया गया था।साइकोलॉजिस्ट बेदराम आर फोर के द्वारा इन्होंने अपनी 39 स्टूडेंट्स की क्लास को एक टेस्ट दिया फिर आउट करने के लिए इन्होंने कहा की टेस्ट करने के बाद
उनकी आंसर शीट चेक करी जाएंगी। हर बच्चे की और उनके आंसर्स के बेसिस पे हर स्टूडेंट का एक पर्सनैलिटी स्केच बनाया जाएगा। तो हुआ क्या की स्टूडेंट्स ने टेस्ट
दिया एक हफ्ते बाद हर किसी को एक पेपर मिला
पर उनका नाम लिखा क्वालिटीज लिखी गई थी क्वालिटीज मतलब एक इंसान के अंदर जो क्वालिटीज होती है। कुछ इंसान बड़े दयालु होते हैं, कुछ को गुस्सा
ज्यादा आता है, तो ऐसे हर स्टूडेंट के लिए 13 क्वालिटीज लिखी गई थी फिर साइकोलॉजिस्ट फॉरेन ने अपने स्टूडेंट से पूछा की आपको क्या लगता है ये जो क्वालिटीज है क्या ये आपकी पर्सनैलिटी को सही तरीके से बताती हैं, जीरो से लेकर 5 के बीच में रेटिंग दीजिए। फाइव यानी 100% एक्यूरेट है जीरो यानी इतनी एक्यूरेट नहीं है। एक आपकी पर्सनैलिटी कुछ नहीं अच्छे से डिस्क्राइब नहीं करती है क्वालिटी। 39 स्टूडेंट्स में से सिर्फ पांच स्टूडेंट्स
ने चार से कम नंबर दिए एवरेज एक्यूरेसी इन सारे स्टूडेंट्स की थी। 4.26 आउट ऑफ फाइव मतलब यह की ऑलमोस्ट हर स्टूडेंट मानता था, ये 13 क्वालिटीज जो उनके बारे में लिखी गई थी वो उनकी पर्सनैलिटी को बताती थी। यहां आता है हमारी कहानी में ट्विस्ट, ट्विस्ट ये है की इन सारे स्टूडेंट्स को ये पेपर दिया गया था जिन पर से क्वालिटीज लिखी गई थी यानी वो जो पर्सनैलिटी स्केच था। वो हर स्टूडेंट के लिए था लेकिन फिर भी सब स्टूडेंट को लगता था की यह उन्हें की पर्सनैलिटी को
डिस्क्राइब करता है। फॉरेन ने कंक्लुजन निकाला की अगर हम ऐसी डिस्क्रिप्शन देंगे जो बहुत ही ब्रॉड हो जनरलाइज्ड हो लेकिन उसे इस तरीके से फ्रेश करेंगे की ऐसा लगे मानो एक इंडिविजुअल के लिए ही लिखी जा रही हो तो लोगों को लगेगा की सब उनके लिए ही लिखी गई है। ऐसा क्यों होता है क्योंकि लोगों को अपने बारे में अच्छी चीज सुनना पसंद है अच्छी नहीं तो एटलिस्ट ऐसी चीज सुनना पसंद है जो सिंपैथेटिक हो और दूसरा यह की लोग अपने आप को बड़ा स्पेशल समझते हैं। हर कोई अपने आप को बड़ा यूनिक मानता है लेकिन रियलिटी में शायद लोग इतने यूनिक नहीं होते। 

अब बर्नम इफेक्ट का इस्तेमाल करता हूं। कुछ एस्ट्रोलॉजिकल भविष्यवाणी करते हैं और आपकी पर्सनैलिटी बताते हैं। मैं आपका डेट ऑफ बर्थ नहीं
जानता मैं नहीं जानता आपका नाम क्या है। आपका पैदा हुए आपका टाइम ऑफ बर्थ क्या है। फिर भी ऐसी बाते आपको बता दूंगा आप भी हैरान हो जाओगे जानकर। तो रेडी हो अपनी पहली प्रिडिक्शन के लिए ये सुनिए, फिर
आपके अंदर बहुत ऐसी कैपेसिटी है जो आपने अभी तक अपने लिए इस्तेमाल ही नहीं की है आपको लाइफ में थोड़ा बदलाव चाहिए होता है थोड़ी वैरायटी इसलिए कोई यहां पर बंदिश लगा दे या आपको अच्छा नहीं लगता यह बात सच है ना, सोचो आप हॉट मेंटालिटी में विश्वास करते
हो लेकिन यह चीज आप कभी खुद से एडमिट तो नहीं करोगे तो इसे ये चीज आपको सच्ची लगेगी। हो सकता है आप में से बहुत से लोग रूटीन पसंद करते हो। कलर के कपड़े पहनना से टाइप का म्यूजिक सुनना, कई सालों से एक ही तरह की के रेस्टोरेंट्स में खाना खाना, एक टाइप का खाना खाना की भाई मुझे तो छोले भटूरे ही पसंद है, समोसे टिक्की ही पसंद है मैं कभी उपमा या पीटर ये सब ट्राई नहीं करना चाहता। लेकिन कोई भी
अपने आप से यह नहीं एडमिट करेगा की वो बंदिशें में रहना चाहता है थोड़ा बहुत बदलाव और चेंज तो हर किसी को पसंद होता है। मान लो आपकी जिंदगी काफी बोरिंग भी है लेकिन आप कभी भी खुद को भी एडमिट नहीं करना चाहोगे की मेरी जिंदगी बोरिंग है। आपने देखा है की किसी को अपने बारे में ज्यादा सच्चाई बता देना ठीक नहीं रहता और कई बार आपको डाउट होता है की क्या मैंने सही डिसीजन लिया है ? अब अगर हमारे
एस्ट्रोलॉजर बाबा एक बढ़िया सी मॉकटेल बना देंगे सैम पर द स्टेटमेंट और पॉजिटिव स्टेटमेंट की तो आप उसे गत गत करके पी जाओगे। दिल के बहुत साफ इंसान दूसरों के लिए एडजस्ट कर लेते हो क्योंकि आपके लिए
जो चीज सबसे ज्यादा मैटर करती है वो है
लोगों की इज्जत और प्यार, लेकिन इससे होता ये है की कई बार लोग आपका फायदा उठा जाते हैं। आपको इमोशनल फूल समझते हैं। ये सुनने के बाद आप सेल्फ फिटिंग और प्राइड के नशे में गुम हो गए हो, अब तो आपको भी लगेगा भाई हमारे एस्ट्रोलॉजर बाबा जी बड़े ही अच्छे इंसान हैं सारी सही भविष्यवाणी करते हैं।

एस्ट्रोलॉजर्स का अक्सर एक ऑब्जरमेंट माइंड होता है। ये चारों तरफ क्लूज की तलाश में रहते हैं की एक इंसान ने किस तरीके के कपड़े पहने कैसा ड्रेसिंग स्टाइल है।
फॉर्मल शर्ट है, ट्राउजर हैं या शर्ट पहन रखी है। किस तरीके की शर्ट पहनी है कुर्ता पजामा पहनना है। कुर्ता पजामा पहनना है तो क्या प्लेन व्हाइट है या फिर कोई ब्रांडेड डिजाइनर वाला है। लेकिन इंसान कैसा है, थोड़ा सा वेट गैन किया हुआ है इसने या फिर बड़ा ही फिट इंसान है। बात करने में कैसी भाषा बोलता है क्या ये प्लेन हिंदी बोलता है या रीजनल लैंग्वेज का मिक्स है या फिर
हिंदी में बहुत से इंग्लिश शब्द डाल के उसे यूज करता है। कॉन्फिडेंट है या बड़बोला लग रहा है। ये सारी अलग-अलग चीज हैं अगर आप एक इंसान के बारे में ऑब्जर्व करोगे उसे देखोगे तो आप उसे इंसान के बारे में बहुत
सी चीज गैस कर सकते हो। बड़े एक्युरेटली की वो किस टाइप का खाना खाता है उसकी हॉबीज कैसी होंगी किस तरीके की उसकी नौकरी होगी उसका इकोनॉमिक्स टीचर कैसा होगा उसका एजुकेशन लेवल कैसा होगा।आप हैरान हो जाएगा भाई ये कैसे हो गया। इस एस्ट्रोलॉजर को ये कैसे पता चल गया ?


फाइनल ट्रिक यहां पर काफी फ्रॉड वाली है, जो काफी एस्ट्रोलॉजर्स करते हैं इंडिया में, वो क्या करते हैं आपके बारे में इनफॉरमेशन पता करनी की कोशिश करते हैं। कुछ सीक्रेट चैनल के थ्रू श्याम मानव फाउंडर है अखिल भारतीय अंश श्रद्धा निर्मूलन समिति के, एक ऐसी ऑर्गेनाइजेशन है जो एस्ट्रोलॉजी के फ्रॉड को एक्सपोज करती है। ये बताते हैं की अक्सर इंडिया में क्या होता है जब आप एस्ट्रोलॉजर से मिलने जाते हैं। रिसेप्शनिस्ट को कुछ इनफॉरमेशन देते हैं तो वो इस इनफॉरमेशन को लीक कर देते हैं। बाबा को और वो बाबा आपको वही चीज दोहराते हैं। आपको लगता है भाई इन्हें कैसे पता चला। 

तो कुछ इस तरीके से इन सारी टेक्निक्स और साइकोलॉजिकल फेनोमेना का इस्तेमाल करके ये सारे एस्ट्रोलॉजर्स आप लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। करोड़ों लोगों को देश में बेवकूफ बनाया जाता है ना सिर्फ देश में बल्कि दुनिया भर में ही एस्ट्रोलॉजिकल स्कैम चलने लग रहा है। 

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